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AMAN KUMAR

अध्याय - 85 : भारतीय राजनीति में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का उदय तथा कांग्रेस में सक्रियता - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव! प्रारम्भिक जीवन नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था।

अध्याय - 85 : भारतीय राजनीति में नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का उदय तथा कांग्रेस में सक्रियता - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव!

उनके पिता जानकीनाथ बोस कटक में सरकारी वकील थे। सुभाषचंद्र के सात भाई और छः बहिनें थीं। सुभाष अपनी माता के सातवें पुत्र थे। आखिर कैसे हुआ अंग्रेजों द्वारा अठारह सौ सत्तावन क्रांति का दमन. क्रांति का दमन दिल्ली से आरम्भ हुआ।

आखिर कैसे हुआ अंग्रेजों द्वारा अठारह सौ सत्तावन क्रांति का दमन

हेनरी बरनार्ड को सेना देकर दिल्ली की ओर भेजा गया। क्रांतिकारी सैनिकों ने अँग्रेजी सेना को पीछे हटा दिया। दिल्ली में एकत्रित भारतीय सैनिकों में जोश तो था किंतु उनका सफल संचालन करने वाला कोई अनुभवी सेनापति नहीं था। अतः वे विभिन्न दिशाओं से आने वाली अँग्रेजी सेनाओं का सामना करने में असफल रहे। महाराणा अमरसिंह का जहांगीर से संघर्ष एवं सुलह - 2 - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव! खुर्रम ने अपनी सेना के चार विभाग किये तथा प्रत्येक विभाग को अलग-अलग दिशाओं से मेवाड़ के पहाड़ी प्रदेश में घुसकर गांवों को लूटने, जलाने तथा लोगों को बंदी बनाने के आदेश दिये।

महाराणा अमरसिंह का जहांगीर से संघर्ष एवं सुलह - 2 - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव!

अब्दुल्लाखां ने मार्च 1614 में चावण्ड पर अधिकार कर लिया। इससे महाराणा को छप्पन के पहाड़ों में चले जाना पड़ा। महाराणा ने अपने पुत्र भीमसिंह से कहा कि मुझे उदयपुर छूटने का इतना दुःख नहीं हुआ जितना दुःख चावण्ड के छूटने से हुआ है। इस पर भीमसिंह ने उसी रात उस महल पर आक्रमण किया जिसमें अब्दुल्लाखां रह रहा था। भीमसिंह महल की ड्यौढ़ी तक पहुंचा गया किंतु घोड़े का पैर कट जाने से और स्वयं भी घायल हो जाने से ड्यौढ़ी से आगे न बढ़ सका और लौटकर महाराणा के पास छप्पन के पहाड़ों में चला आया। छत्रपति शिवाजी महाराज : जानिए इनका पूरा इतिहास. जानिए बंगाल में ब्रिटिश प्रभुसत्ता का विस्तार कैसे हुआ ? ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना तथा भारत में प्रवेश 1600 ई.

जानिए बंगाल में ब्रिटिश प्रभुसत्ता का विस्तार कैसे हुआ ?

में ब्रिटेन के कुछ व्यापारियों ने पूर्वी देशों में व्यापार करने के लिए ईस्ट इण्डिया कम्पनी स्थापित की। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ (1558-1603 ई.) Schemes of Government of India Government of India Schemes For You pdf भारत सरकार की योजनाएं Ebook Mp3. 1000+ Latest Indian Economy Question Answers in Hindi. अध्याय - 4 : अँग्रेजों के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थिति - 3 - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव! मराठा शक्ति शम्भाजी: 1680 ई.

अध्याय - 4 : अँग्रेजों के आगमन के समय भारत की राजनीतिक स्थिति - 3 - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव!

में छत्रपति शिवाजी की मृत्यु के बाद उनका ज्येष्ठ पुत्र शम्भाजी गद्दी पर बैठा किंतु औरंगजेब ने बीजापुर और गोलकुण्डा को हस्तगत करने के बाद अपनी सम्पूर्ण शक्ति मराठों के विरुद्ध लगा दी। शम्भाजी को कैद करके दिल्ली ले जाया गया जहाँ उसके टुकड़े-टुकड़े करके कुत्तों को खिला दिया गया। राजाराम: मराठों ने शम्भाजी के भाई राजाराम के नेतृत्व में मुगलों के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया।

1000+ Latest India History Question Answers in Hindi. Gk In Hindi Prepare For RAS IAS All Competition Exams For Free Current Affairs Question Answers of History Geography Computer Science. 1000+ Latest Indian Economy Question Answers in Hindi. Gk In Hindi Prepare For RAS IAS All Competition Exams For Free Current Affairs Question Answers of History Geography Computer Science. 5. अजमेर के राजा वीर्यराम चौहान ने महमूद गजनवी को युद्ध में घायल करके भगा दिया! - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव! जब विश्व के इतिहास में ग्यारहवीं शताब्दी आरम्भ हुई तब भारत के इतिहास में एक काला अध्याय आरम्भ हुआ।

5. अजमेर के राजा वीर्यराम चौहान ने महमूद गजनवी को युद्ध में घायल करके भगा दिया! - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव!

इस समय तक अरब में इस्लाम का उदय होने को साढ़े तीन सौ साल बीत चुके थे तथा मध्य एशिया के तुर्क जो कुछ समय पहले तक इस्लाम के कट्टर शत्रु थे, अब इस्लाम के अनुयाई होकर इस्लाम को भारत में फैलाने के लिए आतुर थे। भारत की पश्चिमोत्तर सीमा पर स्थित अफगानिस्तान में गजनी एवं गोर नामक छोटे राज्यों के तुर्क स्वामी महमूद गजनवी ने ई.1000 में बगदाद के खलीफा से अनुमति लेकर भारत पर इस्लामिक आक्रमण करने आरमभ किए।

राजस्थान में बौद्ध स्मारक एवं मूर्तियाँ Archives - भारत का इतिहास – भारत का इतिहास – विश्व सभ्यता का गौरव!