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Mayan ka thath thath ghoda. YouTube. Gajer ka halwa | Happy new year | Kimi vlogs. Gas toster unboxing and review | cheapest toster. Mombabybond: ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए आँखों की देखभाल/ online pdhai krte huye aankho ki dekhbhal. कोरोना जैसी महामारी के आ जाने से सभी स्कूल बन्द पड़े है। ऐसे में बच्चों को घर पर ही ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए बच्चों को कंप्यूटर या मोबाइल फ़ोन के जरिये पढ़ाया जा रहा है। बच्चों और अध्यापक दोनों को ही 2 घण्टे से ज्यादा समय कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिताते है। जिस कारण उनकी आँखों पर गलत प्रभाव पड सकता है और साथ ही कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम का अनुभव हो सकता है।

जिस कारण से उन्हें कुछ परेशानियो का सामना करना पड सकता है। जैसे:- -सिरदर्द - ध्यान का नुकसान - आँखों में जलन - थकी-थकी आँखे - आँखों में लाली - आँखों को 2-2 चीजे दिखना - धुंधली दृष्टी होना - कन्धों और गर्दन में दर्द होना अगर इनमे से कोई लक्षण दिखाई दे तो नेत्र चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए। ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए आँखों की देखभाल के लिए टिप्स:- 1) रोशनी का ध्यान:- यदि खिड़की या दरवाजे से रौशनी सीधे स्क्रीन पर पड़ती है तो खिड़की दरवाजा बन्द कर दे। 2) ब्राइटनेस का ध्यान रखे:- कंप्यूटर की ब्राइटनेस को कम रखे। 3) हरी घास:- सुबह के समय नंगे पाँव हरी घास पर चलना चाहिए। 4) आँखे झपके:- काम करते समय बच्चे आँखे झपकना भूल जाते है।

ब्रैस्ट मिल्क बढ़ाने के 11 प्राकृतिक उपाय/ Natural way to increase breast milk instantly. बच्चे को 6 महीने तक माँ का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। यहाँ तक की उसे पानी भी नही दिया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि बच्चे को माँ के दूध से ही सब चीजे मिल जाती है। और बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। लेकिन ऐसा देखा गया है की शुरू में तो माँ के दूध का उत्पादन सही से होता है और बच्चा छोटा होता है। बच्चे का पेट भर जाता है। कैसा पता लगाये के बच्चा भूखा है:- इसमें घबराने की कोई बात नही है। -बच्चा रोता रहता है। -उसे नींद नही आती। -ब्रैस्ट फीड के 1-2 मिनट बाद रोने लगता है। -उसका यूरिन yellow आता है। ब्रैस्ट मिल्क बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय:- 1) बच्चा जितनी बार भी दूध पीता है उसे अपना दूध पिलाइये। 2) दोनों स्तनों का दूध पिलाइये। 3) तुलसी का सेवन करके भी दूध के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। 4) आप सूखे मेवे खाकर भी दूध के उत्पादन को बढ़ा सकती है। 5) दूध पिलाने से पहले अपने स्तनों की हाथो से मालिश कीजिये।

6) दाल में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो दूध को बनाने में काफी मदद करता है। 7) हरी सब्जिया जैसे पालक, मेथी दूध के उत्पादन के लिए जरूर खाये। 8) दूध और दूध से बनी चीजो को खाये। Mombabybond: प्रेगनेंसी के समय निम्बू पानी पिने के फायदे और नुकसान/lemon water in pregnancy. प्रेगनेंसी में निम्बू पानी पीना काफी अच्छा माना जाता है।

प्रेगनेंसी में रोज 8-10 गिलास पानी पिने की सलाह दी जाती है ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। Body को hydrate रखने के लिए निम्बू का सेवन करना काफी अच्छा option है। निम्बू पानी के पिने से डिलीवरी में आसानी होती है साथ ही यह और भी होने वाली परेशानियों को कम करता है। यह body से विषैले पदार्थो को मूत्र के रस्ते बाहर निकलता है। बिलकुल डॉक्टर के अनुसार प्रेगनेंसी में निम्बू पानी पिया जा सकता है। इसे लेना सुरक्षित माना जाता है। बोतल बन्द निम्बू पानी पिने के बजाए घर पर ही fresh निम्बू पानी बनाकर पिए। प्रेगनेंसी में निम्बू पानी पिने के फायदे:- 1) गर्भावस्था में निम्बू पानी के सेवन से रक्तचाप नियंत्रित रहता है। 2) प्रेगनेंसी में निम्बू पानी का सेवन शिशु के विकास के लिए जरूरी होता है क्योकि इसमें कैल्शियम और पोटैशियम होता है जिससे शिशु का मानसिक और शरीरिक विकास अच्छे से होता है।

3) निम्बू पानी का सेवन करने से immunity मजबूत होती है। 4) प्रेगनेंसी में कब्ज की बहुत दिक्कत होती है। 5) निम्बू पानी का सेवन food craving को रोकता है। निम्बू पानी कैसे ले:- Mombabybond: पेट में बच्चे के वजन. Mombabybond: बच्चे की देखभाल. भगवान ने किसी भी शख्स को सबसे बड़ा और नायाब तोहफा जो दिया है वो है - 'मां'। माँ वो होती है जो अपने बच्चे की परवरिश में वह सब कुछ भुला देती है । अपने जीवन में दुसरो से ज्यादा वो अपने बच्चों का ध्यान रखती है। अपने जीवन में वो हमे पहली प्राथमिकता देती है और हमारे बुरे समय में उम्मीद की रौशनी जला देती है।

अगर आप पहली बार माँ बनने जा रही है तो आप आप मे बच्चे की देखभाल के बारे में चिंतित रहती होंगी । आपको बच्चे की देखभाल कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है। 1) साफ-सफाई का ध्यान2) भूख का ध्यान3) भरपूर नींद 4) कपड़े5) स्किन केयर 6) नाखून 1) साफ़ -सफाई का ध्यान(cleaning):-आपको अपने बच्चे क आस-पास सफाई का कुछ खास ध्यान देना चाहिए। 2) भूख का ध्यान( baby feeding):- छोटा बच्चा सिर्फ दूध पीता है वह बड़ों की तरह अनाज नही खाता । बच्चे के लिये उसकी माँ का दूध सबसे अच्छा रहता है। 3) भरपूर नींद:-बच्चे की growth के लिए बच्चे का सोना बहुत जरूरी होता है। 4) कपड़े:-आप अपने बच्चे को मौसम के हिसाब से कपड़े पहनाये। 5) स्किन केयर(skin care):-बच्चे की स्किन का ध्यान रखना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है । 6) नाखून:- Mombabybond: नवजात शिशु के नाख़ून काटना नवजात शिशु के नाख़ून काटना बड़ा मुस्किल सा काम लगता है। जब हम देखते है की हमारे बच्चे के नाखून बड़े हो गये है। थोडा सा परेशान हो जाते है के अब नाख़ून काटने पड़ेंगे। कैसे कटे ,किस समय कटे ,किस चीज से कटे ऐसे-ऐसे मन में ख्याल आने लगते है।

पर नवजात शिशु के नाख़ून काटना इतना भी मुस्किल नही होता। जो पहली बार माँ बनी है उसको शुरुआत में थोडा मुश्किल लगता है। पर कुछ tips अपना कर हम नवजात शिशु के नाख़ून काफी आसानी से काट सकते है। आइये देखते है नवजात शिशु के नाख़ून काटने के कुछ टिप्स:- बच्चे के नाख़ून कब काटे:- नहलाने के बाद नाख़ून नर्म हो जाते है। अच्छी रोशनी:- ध्यान रहे जब भी आप नाख़ून कटे कमरे में अच्छी रोशनी हो। नाखून काटते हुए बच्चे को कैसे पकड़े:- बच्चे को अपनी गोद में लिटाये उसके मुह में अपना दूध दे यदि बच्चा सो रहा है तो दूध देने की आवश्यकता नही है बच्चे के हाथ को अपने हाथ की मुठी में ले उसमे फुक मरे ताकि आपके मुह की गर्म हवा से नाख़ून नर्म हो जाये। बच्चे के नाख़ून किसकी सहायता काटे:- छोटे बच्चे के नाख़ून काटने के लिए नेल क्लिपर मिलता है आप उसकी सहायता से नाख़ून काट सकते है। यदि स्किन कट जाएं:-

Mombabybond: 1 महीने के बच्चे को कैसे नहलाना चाहिए. 1 महीने के बच्चे को स्नान:- 10 दिन तक के बच्चे को नहलाना ज्यादा जरूरी नही होता। जब तक नाल लगी होती है तब तक बच्चे को स्पंज बाथ करा सकते है। स्पंज बाथ कैसे कराये:- अपने जरूरत की साऱी चीजे अपने पास रख ले जैसे तोलिया ,स्पंज ,गर्म पानी,बच्चे के कपड़े आदि। बच्चे के कपड़े निकल कर तोलिये में लपेटे अब स्पंज को पानी में गीला करके अच्छे से निचोड़ ले अब इससे बेबी को साफ करे। बच्चे के जिस हिस्से को साफ़ करना हो उसी को तोलिये से बाहर निकले। बच्चे को पानी में नहलाना:- 1)सबसे पहले नहलाने के लिये अपने जरूरत की सारी चीजें एक जगह रख ले।

2) नहलाने के लिये सामान- प्लास्टिक का टब , साबुन, शैम्पू, गर्म पानी, बच्चे के कपड़े, तौलिया, तेल, पाउडर ,कंघी नेल क्लिपर। 3)अब नहाने की टब में सूती कपड़ा बिछाये। 4)अब अपने हाथो में पानी लेकर नीचे से ऊपर की तरफ डाले। 5) हर बच्चा बालो के साथ पैदा नही होता है। 6) अब अपने हाथो में साबुन ले उसे अपने हाथो में अच्छी तरह रगड़े। 7) अब बच्चे को तोलिये में लपेट कर अपनी गोद में लेटा ले। 8) अब बच्चे को दूध पिला कर सुला दे। इन तरीको को अपना कर आप बच्चे को आसानी से नहला सकते है।

Mombabybond: बच्चों को मालिश कब करनी चाहिए,बच्चे को मालिश कैसे करे बच्चे के लिए मालिश बहुत जरूरी होती है। मलिश से माता-पिता का रिश्ता बच्चे के साथ मजबूत होता है। वह अपने माता-पिता को पहचाने लगता है बच्चों को मालिश करवाना अच्छा लगता है। मालिश के फायदे:- -मालिश से इनकी हड्डीयाँ व मासपेशियां मजबूत होती है। -इनकी बॉडी रिलेक्स करती है। -अच्छी नींद आती है। -तन्त्रिका तन्त्र मजबूत होता है पाचन शक्ति बढ़ती है। बच्चों को मालिश कब करनी चाहिए:- जब बच्चा सवा महिने का हो जाये उसके बाद ही बच्चे को मालिश करना ठीक रहता। मालिश करने से पहले ध्यान देने की बातें:- 1)यदि सर्दी के दिनों में मालिश कर रहे हो तो पहले कमरे को गर्म कर ले या फिर बाहर धुप में जाकर मालिश करे। 2)जिस कमरे में मालिश की जाये वह पूरी रौशनी हो। 3)यदि बच्चा मालिश नही करवा रहा है रो रहा है तो मालिश नही करनी चाहिए। 3)गर्मी में कमरे में ही बच्चे की मालिश करे। 4)10 मिनट बच्चे की मालिश करना काफी होता है बच्चे की मालिश हल्के हाथो से करे। 5)नहलाने से कुछ देर पहले मालिश करना सही रहता है। 6)मालिश के लिए आप सरसो या बेबी आयल इस्तेमाल कर सकती है।

बच्चे को मालिश कैसे करे:- 2)अब किसी सीधी जगह पर तोलिया बिछाये इस पर बच्चे को लिटाये। Mombabybond: बच्चे को स्तनपान कराने के तरीके बच्चे को माँ का दूध पिलाना बच्चे और माँ दोनों के लिए बहुत जरूरी होती है। माँ के दूध के फायदे:- 1) माँ का दूध बहूत हल्का होता है। यह बच्चे को जल्दी पच जाता है। गाय का दूध बच्चे को पचने में थोडा मुश्किल होता है।

2)माँ के दूध से बच्चे को विटामीन, प्रोटीन व् वसा मिलती है। 3) माँ का दूध रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। कम से कम 6 महीने तक बच्चे को माँ का दूध मिलना चाहिए। यदि माँ का दूध नही आता है या कम आता है तो फार्मूला मिल्क देना चाहिए। माँ अपना दूध कैसे पिलाये:- 1) बच्चे को अपनी गौद में लिटाये । 2) दूध पिलाने से पहले निप्पल को बेबी वाइप्स से साफ कर ले। 3) निप्पल को अपने हाथ की दो उंगलिया खोल करउनके बीच में रखे । स्तनों का ध्यान रखने के टिप्स:- 1) अपनी ब्रैस्ट को साफ़ रखे। 2) तंग कपड़े न पहने। 3) आगे से खुलने वाली ब्रा भी बाजार में मिलती है। 4) यदि दूध से आपके कपड़े खराब होते है तो आप ब्रैस्ट पैड का इस्तेमाल कर सकती है। 5) स्तनों को कडा न होने दे। ब्रेस्ट फीड करने से माँ का वजन भी कंट्रोल में रहता है।

Mombabybond: Bacche ki Band Naak Kholna in Hindi. बच्चों को मौसम का बदलना, फ्लू, इंफेक्टिन आदि जल्दी प्रभावित् करते है। जिसकी वजह से वे बीमार हो जाते है। सर्दी जुकाम से जकड़े जाना तो बच्चों में आम सी बात है। इन ही कुछ कारणों से उनकी नाक भी बन्द हो जाती है जिससे की उन्हें साँस लेने में , खाना खाने, दूध पिने बड़ी दिक्कत होती है। उनकी नाक से आवाज आने लगती है। बन्द नाक को कुछ तरीको से खोला जा सकता है। कुछ भी करने से पहले आप एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह ले सकते है। बन्द नाक को खोलने के कुछ कारगार उपाय:- 1) स्टीम देकर बच्चे की बन्द नाक खोलना :- ये बड़ा ही आसान तरीका है बच्चों की बन्द नाक खोलने का। 2) स्टीम बॉथ करके के बच्चों की बन्द नाक खोलना:- यह भी बच्चे की बन्द नाक खोलने का आसान तरीका है। 3) नमक के पानी से बन्द नाक खोलना:- 1 कप में 1/4 चम्मच नमक का मिलाये और किसी ड्रॉपर की सहायता से उसे बच्चे की नाक में डाले।

4) निकलती धुप से बन्द नाक खोले:- सुबह-सुबह जब सूरज निकलता है तब बच्चे को निकलती धुप में ले जाये और उसका मुह सूरज की तरफ कर दे। 5) सेलाइन ड्रॉपस से बन्द नाक खोले:- सेलाइन ड्रॉप बच्चे के नाक में डाले इससे उसकी बन्द नाक खुल जायेगी। Mombabybond: बच्चे की लोई,नवजात शिशु गोरे होने का घरेलू उपाय. जब बच्चा गर्भ में 18 से 20 सप्ताह का होता है। तब उसके शरीर पर छोटे-छोटे बाल आने शुरू हो जाते है। जिन्हें लागूनो कहते है। ये बाल बच्चे के माथे, पीठ, गर्दन, कन्धों पर होते है। वैसे तो ये बाल जन्म के कुछ महीनो के बाद अपने आप ही साफ़ हो जाते है। परन्तु ऐसा सबके साथ नही होता है कुछ बच्चों के बाल body पर रह जाते है। कुछ घरेलू उपाय करके इन बालों को साफ किया जा सकता है। बच्चों के शरीर से बाल साफ करने के कुछ घरेलू उपाय:- 1) आटे की लोई:- एक लोई जितना आटा, जिस तेल से आप मालिश करती हो वो तेल, हल्दी, मलाई को पानी के साथ गूँथ लीजिए। Bread की लोई:- Bread का अंदर का हिस्सा, मलाई और दूध लीजिये। लोई से मालिश के फायदे:- A) रक्त संचार अच्छे से होता है। B) बच्चे को नींद अच्छी आती है।

C) बच्चा relex feel करता है। D) बच्चे की skin moisturise होती है। E) बच्चे की रंगत निखरती है। 2) बच्चे की सरसो के तेल या जैतून के तेल से मालिश करके इन बालो को हटाया जा सकता है। 3) बच्चे के लिए उबटन:- बेसन, मलाई और हल्दी का उबटन बनाकर बच्चे को लगाये। मसूर दाल का उबटन:- मसूर की दाल को रात में भिगो कर रखो सुबह उसे पीस लो। Mombabybond: बच्चों का वजन बढ़ाने में मददगार कुछ आहार,बच्चे का वजन न बढ़ने के कारण,baby weight chart by age. बच्चे के सही वजन का होना अत्यादिक आवश्यक है। बच्चे के वजन को तोल कर यह अनुमान लगाया जाता है कि बच्चा स्वस्थ है। लेकिन सिर्फ वजन का सही होने का मतलब यह नही होता की बच्चा स्वस्थ है। हमे यह भी ध्यान में रखना चाहिए की हर किसी का शरीर एक सा नही होता। बच्चे को देखकर की वह मोटा है यह नही कहा जा सकता की वह स्वस्थ है। बच्चे का वजन लम्बाई और उम्र के हिसाब से पता होना जरूरी है।

बच्चे के लम्बाई और वजन का सही पता होने के लिए बच्चे के Body mass index(BMI) का पता होना जरूरी है। नीचे दी गई table से बच्चे के उम्र के हिसाब से वजन और लम्बाई जान सकते है Boys:- Girls:- लेकिन बच्चे को हेल्दी रखने के लिए बच्चे की diet का पता होना बहूत जरूरी है। सही डाइट और पोषण मिलने के बाद भी बच्चे का वजन न बढ़ने के कारण:- 1) बच्चे के वजन के बढ़ने के पीछे मनोवैज्ञानिक कारण हो सकता है। 2) बच्चे में खून की कमी के कारण भी वजन में कमी हो सकती है। 3) रोग प्रतिधक समता के कम होने के कारण भी बच्चे का वजन में कमी हो सकती है। 4) पेट में कीड़े या हमेशा लूस मोशन लगे रहने की वजह से भी वजन में कमी हो सकती है 1) रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है। Mombabybond: बच्चे का चलना माता-पिता में ये उत्सुकता बनी रहती है की उनका बच्चा कब बैठना शुरू करेगा, कब घुटनो के बल चलेगा और कब अपने पैरों से चलेगा। इसके लिए वे अपने बच्चे को दुसरो के बच्चों से तुलना भी करने लगते है।

परन्तु कभी भी अपने बच्चे की दुसरो के बच्चों से तुलना न करे। हर बच्चा अलग होता है। सबका शरीरिक और मानसिक विकास अलग होता है। कोई कुछ काम जल्दी से कर लेता है कोई देरी से करता है। और दूसरों से तुलना करने से आप भी परेशान हो जाते हो। बच्चे के चलने की आयु 9 महीने से शुरू हो जाती है। 15 महीने तक ज्यादातर बच्चे चलना शुरू कर देते है। जब बच्चा चलने की कोशिश करता है तो वह क्या करता है:1) सबसे पहले वो चीजो को पकड़कर खड़ा होने की कोशिश करता है। 2) फिर वो चीजो के चारो तरफ उनको पकड़कर घूमने लगता है। 3) इसके बाद वो बिना किसी सहारे के 4-5 कदम चलने लगेगा। 4) फिर बच्चा अपने आप खड़ा होगा और बैठेगा।

5) जब बच्चा अपने आप खड़ा होना और बैठना सीख जाये तब वो अपने आप चलना शुरू कर देता है। बच्चे को जल्दी से चलने में मदद करने के कुछ उपाय: 1) मालिश:- नहने से पहले बच्चे की तेल से मालिश उसको मजबूत बनती है। Mombabybond: 8 महीने के बच्चे को बोलना कैसे सिखाएं? बच्चा कब बोलेगा?? वैसे तो बच्चा 1 साल के बाद ही अपनी समझ से शब्द बोलता है। लेकिन अपनी बातों को वो रो कर शुरू से ही बताने लगता है। सवा महीने तक तो बच्चा भूख लगने, नैपी गीला होने, गोद में आने के लिए ही रोता है। बच्चे का विकास बहूत तेजी से होता है। सवा महीने बाद वो आवाज को सुनता है, चीजो को देखकर खुश होता है।

अपने माता-पिता की आवाज को पहचानने लगता है। कभी-कभी उन आवाजो के जवाब देने के लिए मुह से आवाजे निकालता है। 8 महीने से कम बच्चे को कैसे बोलने के लिए प्रोत्साहित करे:- - आपको ये तो हमेशा करना है की बच्चे को कभी अकेला ना छोड़े उसके साथ हमेशा बातें करते रहे। - उसके साथ आवाज करने वाले खिलौनों के साथ खेले। - बच्चा आवाजे सुन कर खुश होगा। - जब बच्चा आपकी बात का जवाब देता है तो उसे और ज्यादा बोलने के लिए प्रोत्साहित करें। - बच्चे खिलौनों के साथ भी बातें करते है बच्चा जहाँ पर लेटा हुआ हो वहा खिलौने टांग दे। - बच्चा बड़ा होते होते आपकी smile और गुस्सा समझने लगता है। - बच्चे को तालियां बजाना सिखाये। बच्चे का बोलना शुरू करना:- 7 महीने के बाद से ही बच्चा बोलने का प्रयत्न कर सकता है। - चीजो के नाम बताना। Mombabybond: दाँत निकलते समय बच्चे पर प्रभाव,बच्चों के दांत निकलते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. बच्चों को दाँतो की वजह से होने वाली परेशानियां जब बच्चे के दाँत निकलते है तो उसे बहूत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मसूड़ो में दर्द, सर में दर्द, दस्त, नींद में परेशानी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

बच्चे के दाँत निकलने के लक्षण: - दस्त लगना। - बच्चे का चिड़चिड़ा होना। - जो भी चीज़ दिखे उसे मुँह में चबाना। - लार टपकना। - हल्का बुखार होना। - सर में दर्द। - अपने हाथों से सर में मारना। दाँत निकलते समय बच्चे पर प्रभाव:- 1) दाँत निकलते समय बच्चों को दस्त लग जाते है। 2) दाँत निकलते समय कुछ बच्चों में temprature बड़ा हुआ देखा जाता है। 3) इस समय बच्चों की स्किन पर रैशीश आ जाते है। 4) आपने छोटे बच्चों को कान मरोड़ते या खुजलाते हुए, सर को दीवार पर मारते हुए या हाथो से सर पर मारते जरूर देखा होगा।

5) बच्चा दाँतो में दर्द और दस्त के कारण सो नही पाता और कड़ी चीजे चबाने का मन करता है। जब बच्चे के दाँत निकलते है तब बच्चे को राहत देने के लिये क्या करे:- 1) जब बच्चों के दाँत निकलते है तब उन्हें चबाने के लिए कुछ न कुछ चाहिए। 2) बच्चों की नींद का पूरा ख्याल रखे। 3) बच्चों का ध्यान भटक कर रखे। Mombabybond: बच्चों के बालों को झड़ने से रोकने के कुछ खास टिप्स,बच्चे के बालों की रोज़ाना देखभाल. हर बच्चा बालो के साथ पैदा नही होता। कुछ बच्चे गंजे पैदा होते है, कुछ कम बालो वाले और कुछ घने बालों वाले।

लेकिन हर बच्चे की scalp का ध्यान रखना बहूत जरूरी होता है। नही तो बहूत सी परेशानियो का सामना करना पड़ सकता है। बच्चे के बालों की रोज़ाना देखभाल:- 1) बच्चे का पालना / cradle cap:- यह ज्यादातर 1 साल तक के बच्चों में पाया जाता है। -सफाई की कमी -जन्म के समय हार्मोन ट्रांसफर -रूखी त्वचा से होती है लेकिन इसके लिए ज्यादा परेशान होनी की जरूरत नही है। 2) तेल की मालिश:- पुरे शरीर के साथ बच्चे के सर की भी तेल से मालिश करनी चाहिए। 3) शैम्पू का इस्तेमाल:- बच्चा पूरा दिन धूल मिट्टी में खेलता है उसके सर में गन्दगी जम जाती है।

4) बालो को ट्रिम करना:- थोड़े समय के बाद बाल अपने आप दोमुहे होने लगते है। 5) गंजा करवाना:- छोटे बच्चों के लिए ये बहूत अच्छा विकल्प है। 5) Moisturiser का इस्तेमाल:- गंजे सर का भले ही कुछ ज्यादा ध्यान करना नही पड़ता। बच्चे के बालो का झड़ना बालो का झड़ना बड़ो के लिए ही नही बच्चे के लिए भी एक समस्या बनती जा रही है। बच्चों के बालों को झड़ने से रोकने के कुछ खास टिप्स:- 2) बच्चों के खान-पान पर ध्यान दे। Mombabybond: बच्चे की अवस्थाये,baby stages in hindi. Mombabybond: बच्चे की त्वचा की देखभाल के लिए कुछ खास टिप्स. Mombabybond: बच्चे को सर्दी व खाँसी से बचाने के 6 घरेलू नुस्खे Mombabybond: नवजात शिशु बार बार लैट्रिन करता है Mombabybond: बच्चे की इम्युनिटी कैसे बढ़ाये Mombabybond: बच्चे का गर्भ में समय.

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